बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों का समर्पण भाव जरूरी: त्रिवेंद्र
देश की आत्मा को अगर जगाना है, उसे समझना है तो हमें अपनी मातृभाषा को अधिक से अधिक फैलाना होगा, उसका प्रचार-प्रसार करना होगा
मातृभाषा अपने साथ संस्कृति को लेकर आती है: त्रिवेंद्र
देहरादून। मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा डिस्पेंसरी रोड स्थित गांधी इंटर कॉलेज में शिक्षक दिवस के उपलक्ष में स्कूल मे अपनी उत्तम सेवाएं दे रहे शिक्षकों को संगठन द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन शिक्षकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिन जैन ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने अपने वक्तव्य में कहा की किसी भी देश का उज्जवल भविष्य वहां के शिक्षकों के हाथ में होता है, वे युवाओं को सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और देश की आर्थिक, सामाजिक, नैतिक विकास और भविष्य निर्माण की नींव डालते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी सोसायटी या देश के बेहतर भविष्य का निर्माण उस देश के शिक्षकों के जिम्मे रहता है। वे उस देश के नागरिक को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाने का रास्ता दिखाने का काम करते हैं। साथ ही उन्हें सही और गलत को परखने का तरीका भी बताते हैं। इस तरह इंसान की पहली गुरु उसकी मां कही जाती है, जबकि शिक्षक उसे सांसारिक बोध कराने यानी जीवन में आगे बढ़ने का सही मार्गदर्शन करता है। शिक्षक के इसी महत्व को देखते हुए गुरु का दर्जा दिया गया और हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अनुशासन से ही अच्छी शिक्षा का वातावरण बनता है। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए शिक्षकों का समर्पण भाव अत्यंत आवश्यक।
उन्होंने कहा कि शिक्षक भाग्य विधाता होता है। शिक्षकों को चुनौतियों से जूझने के लिए तत्पर रहना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी का अच्छा निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि हम ज्ञान के लिए अंग्रेजी तो अवश्य पड़ रहे हैं, लेकिन देश की आत्मा को अगर जगाना है, उसे समझना है तो हमें अपनी मातृभाषा को अधिक से अधिक फैलाना होगा, उसका प्रचार-प्रसार करना होगा। पूर्व सीएम ने कहा कि भाषा अपने साथ संस्कृति को लेकर आती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव आएंगे और इससे हमारी मातृभाषा को एक नई पहचान मिलेगी। शिक्षा नीति के चलते इंजीनिररिंग और मेडिकल जैसी उच्च स्तरीय पढ़ाई भी हमारी मातृभाषा में होने लगेगी।
इस अवसर पर जस्टिस (रिटायर) राजेश टंडन जी ने शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि संगठन के चेयरमैन सचिन जैन व मधु जैन जी के मार्गदर्शन में निरंतर सेवा कार्य किए जा रहे हैं सभी संस्था के लोग इसमें अपना पूर्ण योगदान देते हुए कार्य कर रहे हैं , मैं संगठन के सभी सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं कि वह इसी तरह संगठन को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। शिक्षक दिवस पर सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रधानाध्यापक अवधेश कुमार कौशिक , लेक्चरर एमसी गौतम, पवन बिष्ट, मती विनीता, सुनीता तिवारी, कमलेश शर्मा, नरेंद्र सिंह, श्रीमती दीपमाला भट्ट, असिस्टेंट टीचर एस कंबोज, श्रीमती आशा धीमान, राखी धीमान, मीनाक्षी, दीप्ति शर्मा ,हरीश छिब्बर, पीटीआई टीचर डीएस कोतवाल, अजय अंथ्वाल, वी एस राणा, कुणाल कुमार, अनिल कुमार, कविता सकलानी, सविता सुयाल, राधा जोशी स्टॉफ में कविंद्र गॉड संपत्ति देवी जगदंबा प्रसाद रीना ममता साधना आदि को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश टंडन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रश्मि त्यागी रावत, संगठन के चेयरमैन सचिन जैन संरक्षक सुनील अग्रवाल के अलावा राज कुमार तिवारी, गीता हरिओम, जितेंद्र दंडोना, एसपी सिंह, घनश्याम वर्मा हरिओम, ओमी विशंभर नाथ बजाज पूनम मसीह, संगीता खन्ना अमित अरोड़ा आदि लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन एवं सारिका चौधरी जी ने किया।