उत्तराखंड

इंद्रेश अस्पताल में पैर की चोट का इलाज कराने पहुंची महिला की किडनी निकालने का अस्पताल पर लगा आरोप

देहरादून। श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में एक महिला पैर की गंभीर चोट की सर्जरी के लिए पहुंची थी। लेकिन जब वह ओटी से बाहर निकली तो उसके पेट में चीरा लगा था। स्वजन इस बात का संदेह जता रहे हैं कि जिस तरह से पेट पर चीरा लगाया गया है। उससे लग रहा है कि मृतका की किडनी निकाली गई है।

जानकारी के मुताबिक बनगांव निवासी 32 वर्षीय महिला की मौत पर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के बाहर लोगों ने हंगामा कर दिया। स्वजन व स्थानीय लोग अस्पताल के गेट पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्‍होंने अस्पताल पर कई गंभीर आरोप लगाए।

करीब डेढ़ माह पहले एक दुर्घटना में घायल हुई थी महिला

विधायक खजान दास व पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष प्रीतम सिंह भी मौके पर पहुंचे। पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। मृतका के स्वजन के अनुसार 32 वर्षीय उषा देवी करीब डेढ़ माह पहले एक दुर्घटना में घायल हुई थी। जिसमे उनके पैर में गंभीर चोट आई थी। पूर्व में अस्पताल में उसका उपचार चला। जिसके बाद वह रिकवर होने लगी थी।

23 सितंबर को पुन: सर्जरी के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। चिकित्सकों ने उनकी सर्जरी की। लेकिन जब उन्हें वार्ड में लाया गया तो पेट पर स्टेपल था। स्वजन ये नहीं समझ पाए कि सर्जरी पैर की हुई तो चीरा पेट पर क्यों लगाया है।

अस्‍पताल स्टाफ ने भी इसका कोई सही जवाब नहीं दिया। शनिवार रात महिला की मौत हो गई। अब स्वजन इस बात का संदेह जता रहे हैं कि जिस तरह से पेट पर चीरा लगाया गया है, उससे ऐसा लग रहा है कि मृतका की किडनी निकाली गई है।

शनिवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज व इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) की देहरादून शाखा का राष्ट्रीय अधिवेशन एसजीआरआर मेडिकल कालेज में आयोजित किया गया। आठ राज्यों से आए चिकित्सकों ने शिशु रोग के मार्डन उपचार पर मंथन किया।

इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि समाज को सही व नई दिशा देने में चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण है। कहा कि चिकित्सक का पेशा सेवा भाव से जुड़ा है। उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से नार्थ जोन से आए हुए चिकित्सकों का अभिनंदन किया।

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