आज से शुरु हुए शारदीय नवरात्र
देहरादून। शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं। 26 सितंबर को सुबह छह बजकर 20 मिनट से 10 बजे तक का समय कलश स्थापना के लिए शुभ माना गया है। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन के रहेंगे। तीन अक्टूबर को अष्टमी व चार को नवमी पूजन होगा।
वहीं, नवरात्र में मां दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूपों की पूजा-अर्चना को लेकर माता रानी की शृंगार सामाग्री, चुनरी, पूजन थाल व अन्य वस्तुओं से बाजार में दुकानें सज चुकी हैं और कारोबारियों में भी खासा उत्साह है। इस बार माता का आगमन हाथी पर होगा जो सुखदायी माना गया है।
चार अक्टूबर तक चलेंगे नवरात्र
अश्विन मास के शुल्क पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होने वाले नवरात्र चार अक्टूबर तक चलेंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाएगी।
सोमवार को प्रथम दिवस भक्त देवी के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जा रही है आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, देवी भगवत के श्लोक के अनुसार इस बार माता का आगमन हाथी पर होना सभी के लिए सुखदायी साबित होगा। इन नौ दिनों में मां भक्तों के घर पर वास करती हैं। सोमवार को प्रतिपदा तिथि सुबह तीन बजकर 24 मिनट से शुरू हो जाएगी। सुबह छह बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 19 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते हैं।
उदया तिथि के कारण अष्टमी का व्रत तीन को ही रखा जाएगा।
उदया तिथि के कारण नवमी पूजन चार अक्टूबर को दोपहर दो बजकर 20 मिनट तक किया जा सकता है। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी।
भक्तों को भा रही पूजा की थाली, फैंसी चुनरी
नवरात्र को लेकर बाजार माता के शृंगार से लेकर पूजा का सामान, मूर्तियां और कपड़ों से सज चुके हैं। दुकानदारों में इस बार नवरात्र को लेकर खासा उत्साह दिख रहा है। ग्राहकों के लिए पूजा की थाली, पूजा पैकेट, माता की फैंसी चुनरी इस बार विशेष हैं।
इस बार नवरात्र के लिए स्टोन वाली माता की चुनरी, प्रसाद, गंगाजल, गोला, कलश, थाली, धूप, कपूर, रोली, चंदन युक्त विशेष पूजा की थाली विशेष है।
सहारनपुर चौक स्थित आरके पूजा भंडार के स्वामी राकेश ने बताया कि बीते वर्ष कोरोनाकाल के कारण शारदीय नवरात्र पर नया सामान नहीं मंगाया, लेकिन इस बार बेहतर कारोबार की उम्मीद है।
कुम्हार मंडी में दुकानदार नीरज प्रजापति ने बताया कि सहारनपुर, कोलकाता, मुजफ्फरनगर से माता की मूर्तियां मंगाई हैं।
मां दुर्गा की पूजा के लिए सजे मंदिर
शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा की पूजा के लिए देहरादून सहित उत्तराखंड के मंदिरों को सजाया गया है। कई मंदिरों में आज हरियाली के प्रतीक जौ बोए जाएंगे और अखंड जोत जलाई जाएगी। भक्तों को मंदिर में पूजन करने में परेशानी न हो, इसके लिए भी मंदिर समितियों ने व्यवस्था बनाई है।