धनी-मानी लोग जेल में!
आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामला धीरे-धीरे एक ऐसे कांड के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसमें ‘जेल रेखा’ से ऊपर समझे जाने वाले लोग गिरफ्तार किए गए हैँ। ताजा गिरफ्तारी वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत की हुई है।
भारत में ऐसा कम ही होता है कि कोराबार जगत के रसूखदार लोगों तक कानून के हा पहुंचे। इसीलिए जब ऐसा होता है, तो सहज यकीन नहीं होता कि सचमुच कानून अपना काम कर रहा है। बहरहाल, आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामला धीरे-धीरे एक ऐसे कांड के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसमें ‘जेल रेखा’ से ऊपर समझे जाने वाले लोग गिरफ्तार किए गए हैँ। ताजा गिरफ्तारी वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत की हुई है। इससे पहले चंदा कोचर और उनके पति गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति पर 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक को दिए गए कर्ज के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। 71 साल के धूत को वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को आईसीआईसीआई बैंक से मंजूर ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में 1,730 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी होने का आरोप है। इल्जाम है कि आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड ने ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, सेंचुरी अप्लायंसेज लिमिटेड, कैल लिमिटेड, वैल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इवान फ्रेजर एंड कंपनी इंडिया लिमिटेड को लगभग 3,250 करोड़ रुएये की क्रेडिट सुविधाओं को मंजूरी दी। ये सभी कंपनियां वेणुगोपाल धूत के वीडियोकॉन ग्रुप से संबंधित थीं। कोचर को करोड़ों रुपए के इस धोखाधड़ी मामले के कारण 2018 में आईसीआईसीआई बैंक में अपने पद से हटना पड़ा था।
तब उन्होंने अपने और अपने पति के खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया था। जाहिर है, धूत भी ऐसा ही करेंगे। इसलिए अब इस मामले की जांच कर रही सीबीआई के सामने चुनौती अपने आरोपों को कोर्ट में साबित करने की होगी। यह भी क अनुभव है कि रसूखदार लोगों के खिलाफ अगर कभी जांच एजेंसियां कार्रवाई शुरू भी करती हैं, तो अदालत से ऐसे लोग बच निकलते हैं। बहरहाल, यह अवश्य ध्यान में रखना होगा कि इस कार्रवाई से ऐसा संदेश ना जाए कि कारोबारी जानबूझ कर निशाना बनाए जा रहे हैँ। इसलिए सारी कार्यवाही ठोक-बजा कर आगे बढ़ाई जानी चाहिए।