उत्तराखंड

जोशीमठ में नहीं रुक रहा भू- धंसाव, दो अन्य होटलों में भी आई दरारें

देहरादून। जोशीमठ में भू-धंसाव नहीं रुक रहा है। अब तक शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के बाद अब दो अन्य कॉमेट और स्नो क्रेस्ट होटलों में भी दरारें आई हैं। होटल आपस में मिलने लगे हैं। वहीं, तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्से में भी भू-धंसाव हो रहा है।

सीबीआरआई की ओर से इनकी मॉनीटरिंग की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि अगर ध्वस्तीकरण की जरूरत हुई तो इन्हें भी पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद ध्वस्त कर दिया जाएगा।  सीबीआरआई ने मकानों पर क्रेकमीटर लगाए हैं। इससे दरारों की प्रवृत्ति का पता लगाया जा रहा है। वहीं, लोक निर्माण विभाग का गेस्ट हाउस भी तिरछा हो गया है। यहां का पूरा भवन एक तरफ को धंस गया है। इसलिए प्रशासन ने इस पर ध्वस्तीकरण के लिए स्टीकर लगा दिया है। दो होटल के बाद अब यह सरकारी भवन ध्वस्त किया जाएगा।

बताया कि कुछ घरों और जमीन पर आई दरारों में एक से दो मिलीमीटर की वृद्धि हुई है, लेकिन नए घरों में दरारें नहीं आई हैं। वहीं, पानी का रिसाव भूमि के अंदर न हो इसके लिए खेतों की दरारों को भरने का काम भी जारी है। उधर, जोशीमठ में मौसम खराब है। शहर में जारी राहत अभियानों और अध्ययन के लिए आने वाले चार दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। मौसम विभाग ने 19, 20, 23 और 24 जनवरी को जोशीमठ, चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश-बर्फबारी का अनुमान जताया है।

जेपी कॉलोनी में भी खतरे को देखते हुए असुरक्षित भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। सीबीआरआई की ओर से सर्वे करने के बाद असुरक्षित घरों को होटलों की तरह वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्त किया जाएगा। वहीं, होटल माउंट व्यू को ढहाने का काम मंगलवार को भी जारी है। यहां डायमंड कटर से छत को तोड़ने का काम किया जा रहा है। होटल को ऊपर से नीचे की ओर तोड़ने की कार्रवाई होगी।

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