विक्रम अब कांट्रेक्ट कैरिज परमिट की शर्तों के अनुसार ही होंगे संचालित, परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई में आ रही नजर
देहरादून। स्मार्ट सिटी की परिकल्पना और शहरी परिवहन में सुधार के तहत डीजल पर चालित विक्रम व आटो का संचालन बंद करने के निर्णय पर हाईकोर्ट के स्थगनादेश के बाद परिवहन विभाग भी सख्त कार्रवाई के मूड में है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि विक्रम अब कांट्रेक्ट कैरिज परमिट की शर्तों के अनुसार ही संचालित होंगे। वह फुटकर सवारी नहीं बैठा सकेंगे। आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग हाईकोर्ट में अगली तिथि पर पूरा पक्ष रखेगा। संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की पिछले साल हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार आरटीओ ने देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और विकासनगर से डीजल चलित विक्रम और आटो को बाहर कर दिया जाएगा। इसमें डेड लाइन भी तय की गई।
जिसके तहत, दस वर्ष से अधिक पुराने डीजल आटो व विक्रम का संचालन 31 मार्च 2023 के बाद बंद करने और दस वर्ष से कम उम्र के डीजल चालित आटो एवं विक्रम का संचालन 31 दिसंबर-2023 के बाद पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया गया था। इनके स्थान पर दून शहर में बीएस-6 पेट्रोल, सीएनजी या इलेक्ट्रिक चौपहिया टाटा मैजिक चलाने का निर्णय हुआ था।
परिवहन विभाग ने नियम तोड़कर जिन मार्गों पर विक्रम दौड़ रहे थे, वह समस्त मार्ग भी भंग कर दिए थे, लेकिन इस निर्णय के विरुद्ध विक्रम संचालक हाईकोर्ट चले गए। अभी दून शहर में 797 विक्रम संचालित हो रहे और ये सभी डीजल से चलते हैं। करीब 2000 आटो भी डीजल से चल रहे हैं। इनमें दस वर्ष अधिक पुराने विक्रम व आटो का संचालन एक अप्रैल से बंद होना था, लेकिन हाईकोर्ट ने फिलहाल इस पर रोक लगा दी।