उत्तराखंड

UPCL में “सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का…”, महीने भर की हाजरी एकसाथ लगाने वाले OA-1 का अटेंडेंस रजिस्टर वायरल

विभागीय कर्मचारियों ने लगाया MD के चहेते होने का आरोप

देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन का विवादो से पुराना नाता रहा है। ताजा मामला विद्युत वितरण खण्ड (ग्रामीण) देहरादून से जुड़ा है। जहां OA 1 प्रशस्त भारत नौटियाल के हाजरी रजिस्टर की फोटो वायरल हो रही है। जिसमें हाजरी रजिस्टर की पहली तस्वीर में महीने भर से OA 1 नौटियाल ने कहीं भी हस्ताक्षर नहीं किए। वहीं दूसरी तस्वीर में पूरे महीने के हस्ताक्षर एक साथ नजर आ रहे है। अब तस्वीर कौनसी सही है और कौनसी गलत। यह तो प्रशस्त भारत नौटियाल और उनका विभाग ही बेहतर बता सकते है। लेकिन विभागीय सूत्रो की माने तो MD UPCL के चहेते होने के चलते इनको विभाग में खास तवज्जो दी जाती है।

ऐसा नहीं है कि प्रशस्त भारत नौटियाल UPCL के कोई नए कर्मचारी है। जैसी जानकारी सरकारी दस्तावेजों के साथ मिली है विद्युत वितरण खंड (ग्रामीण) देहरादून में अपनी 1992 की पहली तैनाती से लेकर अब तक लगभग 32 साल पुरानी नियुक्ति में शुरू से ही निविदाओं जैसे विभागों को पकड़े बैठे एक सहायक से चार चार प्रमोशन पा चुके प्रशस्त भारत नौटियाल ने विगत 3 अप्रैल को कार्यालय अधीक्षक प्रथम के पद पर पदोन्नति भी ले ली और पदोन्नति से सम्बंधित कार्यालय ज्ञाप संख्या 1078 के अनुपालन का उल्लंघन करते हुये दस दिनों के अन्दर नवीन तैनाती स्थल‌ नगरीय विद्युत वितरण मंडल देहरादून रास न आने के कारण या फिर मनचाहा न होने के फलस्वरूप “सैंया भए कोतवाल तो डर काहे…” की कहावत को चरितार्थ करते हुए 18 दिनों बाद एमडी यूपीसीएल से पुनः कार्यालय ज्ञाप संख्या 1262 दिनांकित 21अप्रैल,2023 जारी करवाने में सफलता हासिल कर कीर्तिमान स्थापित कर लिया तथा उसी दिन ज्वाइनिंग भी देकर एक कार्यालय में दो दो अधीक्षक की परिपाटी डाल दी।

साफ है की शासन के आदेशों की कैसे धज्जियां उड़ाई जाती है, इसकी बानगी उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के आदेशों में साफ तौर पर देखी जा सकती है। सरकार लगातार प्रदेश में जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का दावा कर रहे है। लेकिन खुद उनके ही अधिकारी शासन के बनाए नियमों को तार तार करने का काम कर रहे है।

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