आई फ्लू के साथ बढ़ने लगे टाइफाइड और डेंगू के मरीज, इस अस्पताल में मरीजों की भीड़ के आगे ध्वस्त हुए सारे इंतजाम
रुड़की। सिविल अस्पताल में गुरुवार को मरीजों की भीड़ के आगे सारे इंतजाम कम पड़ गए। दो चिकित्सक सरकारी काम से कोर्ट गए हुए थे, जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार आई फ्लू से पीड़ित हैं। ओपीडी में वायरल, टाइफाइड, मलेरिया और आई फ्लू के तीन सौ से अधिक मरीज पहुंचने से शेष चिकित्सकों पर मरीजों का दबाव काफी बढ़ गया। लोगों को पंजीकरण काउंटर से लेकर ओपीडी में चिकित्सकों को दिखाने और पैथोलॉजी लैब में जांच कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। ऐसे में कई मरीजों को बिना उपचार परामर्श के ही अस्पताल से जाना पड़ा।
बारिश के मौसम में आई फ्लू के बाद अब वायरल फीवर लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। वहीं, शहर में डेंगू एवं टाइफाइड के मामले भी सामने आ रहे हैं, जिससे सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। गुरुवार को अस्पताल की ओपीडी में फिजिशियन व नेत्र रोग चिकित्सकों के कक्ष के आगे मरीजों की लाइन लगी रही। फिजिशियन नीतीश कुमार की ओपीडी में खांसी, जुकाम व वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों की सबसे ज्यादा भीड़ रही। उनके कक्ष से लेकर दरवाजे तक पचास से अधिक मरीज मौजूद थे, जबकि कक्ष के गेट के बाहर ही करीब 50 से अधिक मरीज नीचे ही बैठ गए।
वहीं, अस्पताल की पैथोलॉजी लैब पर भी जांच कराने के लिए मरीजों की भीड़ रही। अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि इस बार वायरल के साथ आई फ्लू के मरीजों की संख्या काफी अधिक है। इसके अलावा मलेरिया, डेंगू का प्रकोप भी है, जिसकी वजह से अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। कहा कि इन दिनों लोग खानपान का विशेष ध्यान रखें। दूषित भोजन और पानी के सेवन से बचे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कुछ और चिकित्सकों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य महानिदेशाल को पत्र लिखा गया है।