ब्लॉग

कितने पूर्व सीएम सांसद बनेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 370 सीट जीतने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा इस बार पूरे देश में मजबूत नेताओं को चुनाव लड़ा रही है। प्रदेश की राजनीति में ही सक्रिय रहे नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को लोकसभा की टिकट दी गई है। आमतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री सांसद बनते हैं और उनकी पार्टी की केंद्र में सरकार बनती है तो वे मंत्री भी बनते हैं।

बहरहाल, भाजपा ने अभी तक 267 उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें उसने आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्रियों को मैदान में उतारा है। हालांकि दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की टिकट भी कटी है लेकिन उनके बारे में पहले से अंदाजा था। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा को इस बार टिकट नहीं मिली है।

पिछली बार चुनाव जीते पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को फिर से झारखंड से टिकट दी गई है। हालांकि पिछली बार वे बहुत मामूली अंतर से चुनाव जीते थे। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल राज्यसभा सांसद हैं। इस बार पार्टी ने उनको लोकसभा चुनाव में उतारा है। ये दोनों पूर्व मुख्यमंत्री केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इनके अलावा पांच और पूर्व मुख्यमंत्रियों को टिकट दी गई है। राज्यसभा सांसद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब को पार्टी ने टिकट दिया है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस बार चुनाव लड़ रहे हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद ही मनोहर लाल खट्टर के नाम का भी ऐलान हो गया। उधर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को भी पार्टी ने चुनाव में उतारा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी इस बार लोकसभा की टिकट मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *