राष्ट्रीय

बिहार सिपाही पेपर लीक और NEET-UG का एक ही मास्टरमाइंड, EOU ने किया बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। एक तरफ जहां देशभर में नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर लीक मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने अब बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस में बड़ा खुलासा किया है. EOU ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में चाल और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस का लिंक पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से जुड़ गया है. सिपाही परीक्षा का पेपर लीक पिछले साल अक्टूबर में हुआ था. पेपर होने से ठीक पहले लीक हुए प्रश्नपत्र की वजह से कई युवाओं का समय और मेहनत बर्बाद हुई. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक के पीछे भी संजीव मुखिया ही मास्टरमाइंड है, जो नीट-यूजी पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ईओयू ने सिपाही पेपर लीक केस में पश्चिम बंगाल से तीन और उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

सिपाही पेपर लीक का भी मास्टरमाइंड संजीव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी आरोपी Caltex Multiventure Pvt. Ltd. Kolkata के निदेशक हैं. इससे पहले मई में ईओयू ने नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के गिरोह के 3 गुर्गों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों की पहचान नालंदा के अश्विनी रंजन, विक्की कुमार और रोहतास के अनिकेत उर्फ बादशाह के तौर पर हुई थी. सिपाही भर्ती परीक्षा मामले में अब तक कुल 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजीव मुखिया के अलावा देशभर में पेपर लीक के कई और मास्टरमाइंड हैं. उत्तर प्रदेश के टीचर एग्जाम पेपर लीक में भी कई लोगों के संलिप्तता सामने आई थी. EOU ने गुरुवार को खुलासा किया कि संजीव मुखिया ने 10 की रेकी के बाद पेपर लीक किया था.

4 आरोपियों की ये है पहचान
EOU ने नीट पेपर लीक में वांटेड संजीव मुखिया गैंग के तीन शातिर को गिरफ्तार किया, जिसके बाद कई बड़े खुलासे सामने आए थे. कोलकाता से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान परगना निवासी कौशिक कुमार, कोलकाता के सुमन विश्वास और संजय दास के तौर पर हुई है. वहीं, उत्तर प्रदेश के आरोपी की पहचान लखनऊ निवासी सौरभ बंदोपाध्याय है के रूप में हुई है. आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में सिपाही भर्ती के लिए 21391 पदों पर बहाली के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी. एक अक्टूबर को दो पालियों में परीक्षा आयोजित हुई थी, लेकिन एग्जाम शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र का आंसर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. जैसे ही प्रशासन को इसकी जानकारी मली तत्काल परीक्षा रद्द कर दी गई. इसके साथ ही 7 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को होने वाली परिक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *