भाजपा जीती पर हारे धामी
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। तो वहीं सीएम धामी अपनी सीट हार गए है। ऐसे में जहां पार्टी जीत की खुशी मना रही है तो वहीं सीएम धामी के बयान से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सीएम धामी ने बीजेपी की जीत पर कहा कि उत्तराखंड में BJP को जनता ने दो तिहाई बहुमत दिया है। यह बताता है कि लोगों ने काम को तवज्जो दी है। उन्होंने कहा कि मैं सीएम रहूं या ना रहूं लेकिन राज्य में नई सरकार का गठन होते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगासीएम धामी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सभी मिथक टूट रहे हैं और नए इतिहास बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में हमने जो यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में कहा है, उसके लिए हम उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे। वह कमेटी इसके लिए एक ड्राफ्ट बनाएगी। उन्होंने कहा कि मैं भले सीएम रहूं या ना रहूं, लेकिन प्रदेश में सरकार गठन के साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करके तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी के लिए समान होगा। सीएम धामी ने कहा कि नई भाजपा सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाएगी। यह यूसीसी सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, भूमि-संपत्ति और विरासत के संबंध में समान कानून प्रदान करेगी, चाहे उनकी आस्था कुछ भी हो। बता दें कि चुनाव से पहले सीएम धामी ने प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नई सरकार बनते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा
उत्तराखंड में 2012 से अब तक मुख्यमंत्री अपनी विधानसभा सीट बचाने में नाकाम रहे हैं। सबसे पहले 2012 में भुवन चंद्र खंडूरी, फिर 2017 में हरीश रावत और अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए। धामी की हार के यह चर्चा भी तेज हो गई है कि उत्तराखंड में अब भाजपा का सीएम पद का चेहरा कौन होगा। आपको बता दें कि विधानसभा शुरू होने से छह महीने पहले भाजपा ने सीएम बदल कर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया था।
दरआसर, खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने सीएम को 6579 वोटों से हराया है। भुवन युवा नेता हैं और उत्तराखंड के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। युवाओं के बीच लोकप्रिय भुवन चंद कापड़ी उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी रह चुके हैं। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन महज 2709 वोट से हारे गए थे।
– किसान आंदोलन
– जातीय समीकरण में फेल
– चनुाव में नामांकन के बाद चार बार ही आए खटीमा
– दूसरी विधानसभा सीटों पर फोकस
– प्रचार को प्रदेशभर में भ्रमण
खटीमा फाइनल राउंड
भुवन कापड़ी, कांग्रेस- 48177
पुष्कर सिंह धामी, बीजेपी- 41598
रमेश राणा, बीएसपी- 937
आसिफ मिया, एआईएमआईएम- 80
राजेश, भारतीय सुभाष सेना- 121
विजय पालख, सपा- 80
एसएस कलेर, आप- 764
बाबू राम निर्दली- 437
नोटा- 656
देहरादून जिले में न भाजपा को नफा और न कांग्रेस को नुकसान
दून में भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली जीत को एक बाहर फिर दोहराकर इतिहास रच दिया। वर्ष 2017 में जिस तरह से मोदी लहर में भाजपा ने जिले की दस में से नौ विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी, वही प्रदर्शन 2022 में भी कायम रहा। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस को प्रीतम सिंह की बदौलत महज एक सीट चकराता पर संतोष करना पड़ा।
देहरादून जिले में जीत की तस्वीर
भाजपा: विकासनगर, सहसपुर, कैंट, मसूरी, रायपुर, राजपुर, धर्मपुर, डोईवाला व ऋषिकेश।
कांग्रेस : चकराता।