चिंताजनक है ये खबर
भारत में भी टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में गंभीर इंफेक्शन का मामला देखा गया है। यह इंफेक्शन जननांग और उसके आसपास के हिस्से में हो रहा है। इस इंफेक्शन को मेडिकल भाषा में ‘नैक्रोटाइजिंग फैसियाइटिस ऑफ द पेरिनियम’ या ‘फोरनियर्स गैंगरीन’ कहा जाता है।
डायबिटीज की एक दवा के गंभीर दुष्परिणाम की खबर चिंताजनक है। गौरतलब है कि इस दवा के इस्तेमाल से जननांगों में इंफेक्शन का मामला पहले अमेरिका और कनाडा में सामने आया था। अब ऐसा भारत में भी हुआ है। भारत में भी टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में गंभीर इंफेक्शन का मामला देखा गया है। यह इंफेक्शन जननांग और उसके आसपास के हिस्से में हो रहा है। इस इंफेक्शन को मेडिकल भाषा में ‘नैक्रोटाइजिंग फैसियाइटिस ऑफ द पेरिनियम’ या ‘फोरनियर्स गैंगरीन’ कहा जाता है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने राज्यों के सभी ड्रग कंट्रोलर्स को इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार मानी जा रही दवा को लेकर आगाह किया है। उसने आदेश दिया है कि सोडियम ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर-2 दवा के पैकेज पर संबंधित चेतावनी लिखी जाए।
अमेरिकी ड्रग एजेंसी एफडीए ने 2013 में इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। फिलहाल इसे मेटफॉर्मीन के बाद डायबिटीज की दूसरी दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। बताया गया है कि ये दवा सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्ट प्रोटीन का स्तर उठा देती है, जिससे किडनी में ब्लड फिल्ट्रेशन के दौरान ज्यादा से ज्यादा ग्लूकोज मूत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे डायबिटीज पीडि़तों के शरीर में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। लेकिन इस दवा के कुछ दुष्प्रभाव भी सामने आए हैँ। इससे मूत्रनलिका का इंफेक्शन हो रहा है। बताया गया है कि हड्डियों के कमजोर होने का खतरा भी हो सकता है।
डायबिटीज एक गंभीर रोग है, जो खून में ग्लूकोज की मात्रा बढऩे से संबंधित है। यह दिल, नसों, आंखों और किडनी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें टाइप-2 डायबिटीज सबसे आम है, जो खासकर वयस्कों में होता है। यह तब होता है जब खून में इंसुलिन नहीं घुल रहा होता या फिर शरीर में पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण नहीं होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पिछले तीन दशकों में कम कमाई वाले देशों में टाइप-2 डायबिटीज के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में कहा था कि भारत में डायबिटीज से पीडि़त मरीजों की निश्चित संख्या का पता नहीं है, लेकिन इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के डायबिटीज एटलस-2021 के मुताबिक भारत में 20 से 79 साल के डायबिटीज मरीजों की संख्या करीब 7.5 करोड़ है। साल 2045 तक इसके बढ़ कर 12.5 करोड़ हो जाने की आशंका है। इसीलिए ताजा खबर चिंता बढ़ाने वाली है।