उत्तराखंड

केदारनाथ धाम में खोए हुए बच्चों को पाकर माँ ने खुसी से लगाया गले

केदारनाथ। केदारनाथ धाम में लगातार मुस्तैद केदारनाथ पुलिस टीम यात्रियों की सुरक्षा व सहायता को अपने सफलतम प्रयास को बनाये रखने को लगातार जुटी हुई है। भगवान शिव के दर्शन को महाराष्ट्र से केदारनाथ धाम पहुंची महिला से जब धाम में भारी भीड़ में अपने जुड़वा बच्चों को खोने पर व्यथित हो उठी महिला को जब केदारनाथ पुलिस टीम ने चार घण्टे बाद गौरीकुंड में उन्हें उनके बच्चों से मिलवाया तो उन्होंने अपने बच्चों को वापिस पाने की खुशी के आंसू को जमाने भर की मिठाई से ज़्यादा मीठा बता अपने बच्चों को गले से लगा लिया। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस जवानों को सही सलामत उनके बच्चे लौटाने को धन्यवाद दिया।

जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र से अपने परिवार संग भगवान शिव के दर्शन को केदारनाथ पहुंची अंजली नाम की महिला द्वारा बाबा के दर्शन जाने के दौरान अपने 8 वर्षीय जुड़वा बच्चों प्रियांश व प्रिंस भीड़ के चलते बिछुड़ गयी। इस दौरान घोड़ापडाव पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा दो बच्चों को लावारिश हालत में घूमता हुआ पाया गया तो उनके द्वारा तुरंत उन बच्चों को अपनी सुरक्षा में ले अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्निल कुमार को सूचित किया गया। पुलिसकर्मियों द्वारा उन बच्चों से उनके माता-पिता के संबंध में पूछने पर उनके द्वारा केवल अपने आपको महाराष्ट्र से आना बताया गया इसके अलावा छोटे होने के चलते वह अपने माता पिता का मोबाइल नंबर भी नही बता सके। इस सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा जल्द से जल्द उनके माता पिता को ढूंढने के निर्देश दिए गए जिसपर पुलिस टीम द्वारा समस्त यात्रा मार्ग में स्थापित पुलिस चेक पोस्ट से संपर्क स्थापित किया गया किन्तु बच्चों के माता पिता के विषय मे कोई जानकारी नही मिल पाई।

जिसके उपरांत अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा पुनः कोशिश करने के निर्देश देते हुए उप निरीक्षक दयाल सिंह व उप निरीक्षक अमित मोहन मंमगाई व दो कांस्टेबल की दो अलग-अलग पुलिस टीम बनाते हुए बच्चों के माता पिता को तलाशने को समस्त यात्रा मार्ग में पैदल भ्रमण कर प्रयास करने को कहा। जिसपर दोनों पुलिस टीम द्वारा लगातार चार घंटे की मेहनत के बाद दोनों बच्चों के माता-पिता को ढूंढ निकाला व बच्चों को जैसे ही सकुशल उन्हें सुपुर्द किया तो उनकी माता खुशी से रो पड़ी और बच्चों को गले लगा लिया। इस दौरान उन्होंने पुलिस टीम से कहा कि हजारों मिठाईयां चखी है जमाने की,मगर खुशी के आंसू से ज्यादा मीठा कुछ भी नही। जिसके बाद उन्होंने पुलिस टीम का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें उनके बच्चों से मिलवाने को धन्यवाद दिया।

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