देवस्थानम बोर्ड – समिति के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी ने सीएम धामी को सौंपी अन्तरिम रिपोर्ट
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को सचिवालय में देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी ने भेंट की। समिति के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी ने देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय समिति द्वारा तैयार की गई अन्तरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
आपको बता दें कि देवस्थानम बोर्ड हाई पावर कमेटी के कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी ने कहा कि इस बोर्ड का काम सभी के विचारों को सुनने के बाद समस्याओं का समाधान करना है। देवस्थानम बोर्ड स्थानीय समस्याओं के समाधान, चारों धामों की धार्मिकता, सामाजिकता को बनाए रखने, इन धामों में आने वाले यात्रियों को सुख सुविधा उपलब्ध करवाएं जाने, उनकी सेवा करने के लिए गठित किया गया है। पर, कुछ लोग अपने कर्तव्य को भूल कर यात्रियों की आस्थाओं से विमुख होकर आर्थिक लाभ के लिए अपनी नैतिकता को भूल गए हैं। क्योंकि उनके सामने वर्तमान में आर्थिक स्वार्थ आड़े आ रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि धार्मिक मामलों में यदि राजनीति प्रवेश करेगी, तो उसके दुष्परिणाम होंगे। यह आस्था का विषय है, जिसे बनाए रखना सभी का कर्तव्य है।
कमेटी अध्यक्ष ध्यानी ने कहा कि बदरी-केदार मंदिर समिति (देवस्थानम बोर्ड) का गठन 1941 में चारों धामों के विकास को लेकर किया गया था। इस पर सभी को विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1968 में बदरीनाथ के लिए मास्टर प्लान लागू किया गया था।इसके बनने के बाद किन्ही कारणों से वह लागू नहीं किया गया। अब उस पर सरकार की ओर से बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों की आस्था को बनाए रखने के साथ विकास किया जाना है। जिसमें कुछ लोग के मकान व दुकान आड़े आ रहे हैं, जिसके भय के कारण यह विरोध किया जा रहा है।
मनोहर कांत ध्यानी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से गठित देवस्थानम बोर्ड में सभी की भावनाओं को समाहित करते हुए उनके हकहकूकों का किसी भी तरह से हनन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग वहां रहकर रोजी-रोटी जरूर कमा रहे हैं, लेकिन वह वहां के हक हकूकधारी नहीं है। उनका कहना है कि यह हक सिर्फ तप्त कुंड तक ही सीमित है, जहां 600 वर्ष पहले मंदिर की स्थापना की गई थी। यहां उन लोग का कार्य मात्र यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सेवा करना है।