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समाज की आंखें खोलेगी अभिनेत्री रीना जाधव की फि़ल्म मेरिट एनिमल हंगामा

कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फि़ल्म महोत्सव में दर्शकों को पसंद आने वाली अवॉर्ड विनिंग हिंदी फि़ल्म मेरिट ऐनिमल अब हंगामा ओटीटी पर रिलीज़ के लिए तैयार है। अभिनेत्री और निर्मात्री  रीना जाधव की फि़ल्म एक बहुत ही महत्वपूर्ण सामाजिक समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित करती है कि आजकल माता पिता अपने बच्चों से फर्स्ट लाने का दबाव बनाते हैं।

मेरिट एनिमल वरुण नाम के एक लडक़े के इर्द-गिर्द घूमती है, वरुण के माता-पिता चाहते हैं कि वह सभी क्षेत्रों में सर्वोच्च स्कोर करे। शहर के बाहरी इलाके में एक पहाड़ी पर साइकिल रेसिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जैसे ही दौड़ शुरू होने वाली होती है, वरुण गायब हो जाता है। फिल्म की कहानी समाज की गंभीर समस्या पर केंद्रित है।
अपने स्वयं के सपनों को पूरा करने के लिए हम अपने बच्चों पर अपना सर्वश्रेष्ठ करने का बोझ डालते हैं जो वास्तव में उनके लिए एक दबाव है। इस दौड़ में हर कोई अव्वल रहना चाहता है, लेकिन इस बीच वह अपने मासूम  बचपन को नजरअंदाज कर देता है। राजराजेश्वर फि़ल्मस और महालक्ष्मी सिनेविजन के बैनर तले फि़ल्म मेरिट एनिमल के निर्माता प्रदीप देशमुख और रीना जाधव हैं।

फि़ल्म का निर्देशन जुनैद इमाम ने किया हैं । फि़ल्म का संगीत रोहित नागभिडे द्वारा तैयार किया गया हैं और गीत वैभव देशमुख ने लिखे हैं फि़ल्म के सिनेमेटोग्राफर  गिरीश जे जंभालिकर और कुणाल श्रीगोंदेकर हैं । फि़ल्म में रीना जाधव, मंगेश नाइक, आदित्य सिंघल, महेश चाग़, बहार उल इस्लाम और भाग्यरती बाई कदम विभिन्न भूमिकाओं में हैं। फि़ल्म प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म  हंगामा पर भी सितम्बर महीने के पहले सप्ताह में प्रदर्शित होगी।

फि़ल्म को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फि़ल्म महोत्सव में दर्शकों के साथ ज्यूरी का दिल भी जीता हैं । फि़ल्म को इंस्तांबुल फि़ल्म अवार्ड, बेस्ट डायरेक्टर (डेब्यू ) -यूरोप फि़ल्म फेस्टिवल, बेस्ट इंस्पायरिंग फि़ल्म – टोकियो फि़ल्म अवार्ड, बेस्ट एजुकेशनल फि़ल्म – वर्जन स्प्रिंग सिनेफ़ेस्ट, इंडो फ्रेंच इंटरनेशनल फि़ल्म फेस्टिवल में अवार्ड मिला हैं फि़ल्म को अहमदाबाद चिल्ड्रन फि़ल्म फेस्टिवल, दरभंगा  इंटरनेशनल फि़ल्म फेस्टिवल, सहरसा इंटरनेशनल फि़ल्म फेस्टिवल, म्यूजिय़म टॉकीज़ फि़ल्म फेस्टिवल में ऑफिशियल  सेलेक्शन भी हुआ हैं

अभिनेत्री  रीना जाधव ने कहा, यह कहानी आज के शिक्षा व्यवस्था पर कोई प्रश्न नहीं है। यह बात करती हैं बच्चों के माता पिता की जो  अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने बच्चों पर बोझ डालते हैं। मेरिट की इस दौड़ में, हर कोई शीर्ष पर रहना चाहता है लेकिन हम अपना बचपन नजरअंदाज कर देते हैं। फिल्म मेरिट एनिमल हमारे समाज के लिए आंखें खोलने वाली साबित होगी। फि़ल्म को हम ओटीटी पर  रिलीज कर रहे हैं जिससे त्योहारों के इस मौसम में फि़ल्म को अधिक दर्शक देख पाए।

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