बाघ संरक्षण के संदेश को लेकर देहरादून में फियरलेस बाघ फोटो प्रदर्शनी शुरू, आगामी 16 अगस्त तक चलेगी फोटो प्रदर्शनी
सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम और अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव प्रशासन रंजन कुमार मिश्रा ने किया प्रदर्शनी का शुभारंभ
-राज्य के स्कूलों में भी लगाई जायेगी फोटो प्रदर्शनी
देहरादून। आज विश्व बाघ दिवस पर देहरादून के इद्रलोक होटल में बाघ जागरूकता को लेकर एक फोटो प्रदशर्नी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का आयोजन दून आर्ट काउंसिल और वाइल्ड लाइफ इंस्ट्टीयूट ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। प्रदर्शनी का शुभारंभ बतौर मुख्यअतिथि सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम और रंजन कुमार मिश्रा अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव प्रशासन, उत्तराखंड ने किया। उत्तराखंड में बाघ संरक्षण के लिए फियरलेस बाघ नाम से शुरू हुई यह फोटो प्रदर्शनी आगामी 16 अगस्त तक जारी रहेगी। इस मौके पर ब्रिगेडियर अरीबन दत्ता, मेजर जनरल खत्री, जीओसी कमांड, सब एरिया देहरादून, मिस मोइना कुमारी सिंह, प्रिंसेस ऑफ रीवा के साथ ही बड़ी संख्या में वन्य एंव पर्यायवरण व बाघ प्रेमी, गणमान्य नागरिक, स्कूली छात्रों ने शिरकत की। इस मौके पर आये सभी लोगों ने फोटो प्रदर्शनी की तारीफ की।
इस मौके पर सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि यह सराहनीय प्रयास है। इससे आम जनमासन के साथ ही भावी पीड़ी में बाघ संरक्षण को लेकर जागरूकता आयेगी। उन्होंने कहा पिछले कुछ सालों में बाघ संरक्षण की दिशा में उत्तराखंड ने काफी अच्छा काम किया है। हमारे जिम कार्बेट में टाइगर की संख्या बढ़ी है। बाघ संरक्षण का यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।
वहीं रंजन कुमार मिश्रा, अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव प्रशासन, उत्तराखंड ने प्रदर्शनी को लेकर आयोजकों की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तराखंड में बाघों की संख्या निरंतर बढ रही है। 12 साल से हम यह दिन मना रहे हैं। हम बाघ संरक्षण में कामयाब रहे हैं। आज के बच्चे कल इसे धरोहर के रूप में लेगें। प्रदर्शनी अच्छा संदेश देने में कामयाब रहेगी। उन्होंने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रति जागरूकता के लिए वन विभाग निरंतर राजाजी और कार्बेट पार्कों से सटे गांवों में लागातार जागरूकता अभियान चला रहे है। हमने इन क्षेत्रों में कई जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाये हैं ताकि बाघों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से बाघ संरक्षण की दिशा में बेहत्तर काम हो सकेगा। साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि वानाग्नि से खाघ श्रंखला प्रभावित हो रही है। इस कारण भी वन्यजीव मानव संघर्ष लगातार बढ़ा है। उन्होंने बताया कि राजाजी में अभी दो बाघ हैं और हम जल्द दो और बाघों को लाने जा रहे हैं।