मोदी सरकार ने दी मीडिल क्लास को सबसे बड़ी राहत, अब 7 लाख तक सलाना कमाने वाले को नहीं देना होगा कोई टैक्स, जानें क्या-क्या बदला?
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट में मीडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मध्यमवर्गीय नागरिकों के लिए बड़ा एलान किया है। अब सात लाख रुपये तक की आय पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेगी। अब तक पांच लाख रुपये से अधिक आय पर टैक्स देना पड़ता था। सरकार ने टैक्स स्लैब को भी बदल दिया है। आइए जानते हैं कि अब नया टैक्स स्लैब कैसा होगा?
नई कर व्यवस्था कैसी होगी?
आय टैक्स रेट
0-3 लाख कोई टैक्स नहीं
3 से 6 लाख 5þ
6 से 9 लाख 10þ
9 से 12 लाख 15þ
12 से 15 लाख 20þ
15 लाख से अधिक 30þ
पिछले बजट में क्या हुआ था?
2022 के बजट में सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। न तो राहत दी गई थी और न ही बोझ बढ़ाया गया था। जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं करना भी हर नौकरीपेशा के लिए एक बड़ी राहत की तरह है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने ना तो पिछले साल ना ही इस साल इनकम टैक्स के नाम पर एक भी पैसा बढ़ाया है। यानी यह भी किसी राहत से कम नहीं है। साल 2014 के बाद से इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, 2020 में सरकार ने एक नई टैक्स प्रणाली पेश की। इसमें आमदनी के हिसाब से कर का अलग-अलग दायरा तय किया गया था। लेकिन, आयकर दाताओं पर इसे अनिवार्य नहीं किया गया। उन्हें ये छूट दी गई कि वे दोनों में से किसी एक प्रणाली का इस्तेमाल करके अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकें।
अभी क्या है टैक्स का दायरा?
आय पुराना टैक्स रेट नया टैक्स रेट
2.50 लाख तक कुछ नहीं कुछ नहीं
2.50-05 लाख तक 05þ 05þ
05-7.50 लाख तक 20þ 10þ
7.50-10 लाख तक 20þ 15þ
10-12.50 लाख तक 30þ 20þ
12.50- 15 लाख तक 30þ 25þ
15 लाख से अधिक पर 30þ 30þ
(नोट : ये टैक्स स्लैब 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है।)
अभी पांच लाख तक के दायरे में भी छूट मिलता है
मौजूदा समय पांच लाख रुपये तक की शुद्ध कर योग्य आय वाले व्यक्ति को पुराने और साथ ही नई कर प्रणाली दोनों में धारा 87। के तहत 12,500 रुपये तक की कर छूट का लाभ मिलता है। मतलब ऐसे लोग 87। के तहत अलग-अलग निवेश दिखाकर आयकर से छूट हासिल कर लेते हैं। ऐसे में पांच लाख तक की आय वालों को भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। साल 2014 से सेक्शन 80ब् के तहत कटौती की सीमा में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। साल 2014 के बजट में 80ब् के तहत किए गए निवेश पर आयकर छूट की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी गई थी, जबकि होम लोन पर ब्याज की कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया था। साल 2015 के बजट में सरकार ने सेक्शन 80ब्ब्क् के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना (छच्ै) के तहत योगदान के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती की शुरुआत की थी। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा भी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है।