उत्तराखंड

देहरादून की इस सीट पर आमने सामने मैदान में उतरी सगी बहने 

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है ।इसकी एक वजह यह भी मान सकते है की इस बार पार्टियों ने रिश्तेदार ही एक दुसरे के खिलाफ मैदान में उतारे है। इसका एक उदाहरण मसूरी विधानसभा सीट भी है जहाँ पर एक ही परिवार की दो बहनें आमने सामने आ गई हैं। कांग्रेस  ने इस सीट से गोदावरी थापली को उम्मीदवार बनाया है जो इन दिनों पूरे जोर-शोर के साथ प्रचार कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी बहन कल्पना गुरुंग  बीजेपी के साथ हैं और अपनी ही बहन के खिलाफ प्रचार कर रही हैं। ऐसे में इस सीट पर दोनों बहनों के बीच की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई हैं. दोनों बहनों के बीच में काफी तीखी नोक-झोंक भी देखने को मिल रही है।

मसूरी सीट पर क्यों है दो बहनों की लड़ाई।
मसूरी में कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली ने अपनी बहन कल्पना गुरुंग पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि कल्पना गुरुंग उनकी सगी बहन नहीं है। उन्होंने कहा कि वो बीजेपी प्रत्याशी गणेश जोशी का नहीं बल्कि उनका प्रचार कर रही हैं क्योंकि वो हर जगह जाकर ये बात रही हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली उनकी बहन हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बहन के भाजपा में जाने से उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. बल्कि इससे उनको फायदा ही होगा। भारतीय जनता पार्टी के नेता सिर्फ उनको सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं।

गोदावरी ने किया कांग्रेस पार्टी का गुणगान।
गोदावरी थापली ने अपनी बहन पर हमला बोलते हुए कहा कि जो अपने परिवार और अपनी बहन की नहीं हुई वो भाजपा की क्या होगी। कांग्रेस पार्टी लगातार महिलाओं को सम्मान देने का काम कर रही है। कांग्रेस के शासन में ही देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पद पर प्रतिभा पाटिल को बनाया गया। स्वर्गीय इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी जिन्होंने बहुत लंबे समय तक देश को चलाया। उनको दूसरी बार मसूरी विधानसभा से कांग्रेस ने टिकट दिया है। कल्पना गुरुंग का कोई अस्तित्व ही नहीं है ना वह कांग्रेस में किसी पद पर थी और ना ही वह भाजपा में कुछ कर पाएगी।

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