उत्तराखण्ड पर्यटन क्षेत्र में जितनी चुनौतियां हैं उससे कई गुना इस क्षेत्र में संभावनाएं : जी किशन रेड्डी
देहरादून। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य में केंद्र के सहयोग से चल रही पर्यटन योजनाओं और स्वदेश दर्शन योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की। मंगलवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में पर्यटन अधिकारियों के साथ बैठक में जी किशन रेड्डी ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन क्षेत्र में जितनी चुनौतियां हैं उससे कई गुना इस क्षेत्र में संभावनाएं भी हैं। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र की योजनाओं को गति देने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक श्री केदारनाथ धाम और श्री बदरीनाथ धाम में हुए विकास कार्यों व पुर्ननिर्माण कार्यों की जानकारी दी। अपर पर्यटन सचिव (इंफ्रा) पूजा गर्ब्याल ने प्रसाद योजना और स्वदेश दर्शन योजना के तहत उत्तराखण्ड में हुए कार्यों की जानकारी दी। इसके साथ ही टिहरी झील पर्यटन विकास परियोजना के तहत हुए कार्यों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टिहरी झील और जलसंग्रहण क्षेत्र पर्यटकों के लिए नया डेस्टिनेशन बनेगा।
प्रदेश में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए कार्यों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने सीमा से सटे गांवों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया के पर्यटन उत्तराखण्ड के होमस्टे में रहना चाहते हैं। ऐसे में पर्यटन को आरामदायक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हमें कार्य करना होगा। इसके साथ ही साहसिक पर्यटन के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आने वाले पर्यटकों को यातायात की सरल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रोपवे निर्माण की संभावनाओं पर कार्य किया जाए। इससे देश दुनिया के तीर्थयात्री व पर्यटक उत्तराखण्ड में रोमांच भरे सफर का आनंद उठा सकेंगे।
बैठक में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव उमा नंदूरी, अपर सचिव पर्यटन सी रविशंकर, अपर निदेशक पूनम चंद, विशेष कार्याधिकारी सतीश बहुगुणा, वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, पर्यटन विकास अधिकारी जसपाल सिंह चौहान समेत विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।