मेकअप से जुड़े इन भ्रमों में नहीं है कोई सच्चाई, जानिए क्या है हकीकत
आपको सोशल मीडिया और ब्यूटी इंफ्लुएंसरों के जरिए कई शानदार मेकअप टिप्स मिल जाएंगे, लेकिन इनमें से अधिकतर भ्रम और गलत धारणाएं ही साबित होते हैं। बड़ी बात यह है कि ये भ्रम हकीकत से दूर होते हैं और इनसे महिलाओं को गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में आज हम आपको मेकअप से जुड़े कुछ ऐसे कुछ भ्रम और उनकी सच्चाई के बारे में बताते हैं, ताकि आप इनके झांसे में आने से आसानी से बच सकें।
भ्रम- प्राइमर और मॉइस्चराइजर एक ही तरह से काम करते हैं
अगर आपको लगता है कि प्राइमर और मॉइस्चराइजर एक ही तरह से काम करते हैं तो ऐसा नहीं है। सच्चाई यह है कि मॉइस्चराइजर पूरी तरह से प्राइमर से अलग होता है। प्राइमर त्वचा और मेकअप के बीच एक सुरक्षित परत कायम करता है। यह चेहरे पर किए गए मेकअप को लंबे समय तक ठीक रखने और त्वचा को हाइड्रेट करने में भी काफी मदद कर सकता है, जबकि मॉइस्चराइजर सिर्फ त्वचा का रूखापन दूर सकता है।
यह भी सिर्फ भ्रम है कि अपने माथे, गर्दन, गाल या हाथ से मैच करके अपना फाउंडेशन चुनें। सच तो यह है कि माथे, गर्दन, गाल और हाथों की त्वचा का रंग चेहरे से बिल्कुल अलग होता है, वहीं तनाव और मौसम की स्थिति शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में चेहरे का रंग बदल सकती है। इसलिए सही फाउंडेशन शेड पाने के लिए हमेशा अपने चेहरे की जॉलाइन पर अपने फाउंडेशन का पैच टेस्ट करके ही खरीदें।
यदि आपके पतले होंठ हैं तो आपको कई लोगों से लिप प्लंपर्स का इस्तेमाल करने की सलाह मिली होगी, लेकिन इस गलत धारण के कारण होठों में सूजन और जलन पैदा होती है। तथ्य यह है कि यह एक स्थायी लिप प्लंपिंग उपचार नहीं है। स्थायी परिणाम प्राप्त करने के लिए पतले होंठों के लिए एकमात्र उपाय हायलूरोनिक एसिड फिलर्स के साथ लिप ऑग्मेंटेशन करवाना है।
शायद मेकअप से जुड़ा सबसे आम भ्रम यही है कि हमेशा ऐसा कंसीलर चुनना चाहिए जो आपकी स्किन टोन से थोड़ा हल्का हो। इसका कारण है कि इससे आंखों के काले घेरों को छिपाया जा सकता है, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा करने से आंखों के काले घेरे उभर सकते हैं। आंखों के काले घेरे छिपाने के लिए हमेशा नारंगी रंग का कंसीलर ही चुनना चाहिए।
भ्रम- आइब्रो पेंसिल काले रंग की ही होनी चाहिए
अगर आप भी इस बात को सच मानते हैं तो आपको बता दें कि यह एक भ्रम से ज्यादा कुछ नहीं है। काले रंग की आइब्रो पेंसिल का इस्तेमाल करने से आइब्रो नकली लगने लगती है। इसलिए आपको हमेशा अपनी आइब्रो के बालों के रंग से मिलती हल्के रंग की पेंसिल खरीदनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर डार्क ब्राउन पेंसिल इंडियन स्किन टोन के लिए ज्यादा बेहतर होती है।