उत्तराखंड

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का भविष्य मानव रहित विमान

देहरादून। देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के पूर्व महानिदेशक डा. सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के भविष्य की तमाम सम्भावनाएं मानव रहित विमानों से जुड़ी हैं। इसलिए मानव रहित विमान का क्षेत्र रोजगार की भी अपार सम्भावनाएं समेटे हुए है। डा. सुधीर कुमार मिश्राा ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग की बदलती गतिशीलता के विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने हवाई जहाजों और मिसाइलों की बनावट, उपयोगों और कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की।

डा. मिश्रा ने देश में हवाई जहाजों की गुणवत्ता बनाए रखने की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए बताया कि विमान सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें छोटी से छोटी खराबी के भी गम्भीर परिणाम हो सकते हैं। इस कार्य को करने के लिए इंजीनियरों का कुशल होना आवश्यक है। छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए डा. मिश्रा ने भावी इंजीनियरों के लिए जरूरी विशेषताएं भी बताई। पढ़ाई के साथ-साथ व्यक्तिगत स्वच्छता और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की भी बात कही। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग से जुड़े इतिहास को पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेण्ट ने किया था। कार्यशाला में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. संजय जसोला, एचओडी डा. सुधीर जोशी, प्रो. रित्विक डोबरियाल और पुनीत गुप्ता भी मौजूद रहे।

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